मुम्बई। 80 के दशक के सुपरस्टार राजेश खन्ना ने अपने जीवन में बहुत उतार चढ़ाव देखे। उन्होंने अपने करियर में सफलता पाई और फिर अर्श से फर्श तक का सफर भी तय करके देखा। हालांकि करियर ढलने के बाद भी राजेश खन्ना लोगों के फेवरेट बने रहे। राजेश खन्ना को लेकर कहा जाता रहा है कि सफलता की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते एक्टर केतेवर बदलने लगे थे। राजेश खन्ना को लेकर खबरें आती थीं कि सफलता उनके सिर चढ़ गई थी। एक्टर पर फिल्म के सेट पर लेट आने से लेकर एटीट्यूड दिखाने तक के आरोप लगते रहे। ऐसे में राजेश खन्ना एक बार वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के शो पर आए थे। शो में राजेश खन्ना ने तब अपनी सफाई में कहा था कि उनमें कोई घमंड नहीं है। सुपरस्टार राजेश खन्ना ने शो आपकी अदालत में कहा था. किसे अपना कहें कोई इस काबिल नहीं होता। पत्थर तो बहुत मिलते हैं, लेकिन दिल नहीं। मैं दिल पर हाथ रखकर कसम खाता हूं, कि मैं सच ही कहूंगा। सच्चाई छिप नहीं सकती बनावट के उसूलों से, खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से। राजेश खन्ना ने इस बीच पत्रकार रजत शर्मा से भी एक सवाल कर लिया था। उन्होंने कहा था. हमारी जो ऑडियंस हैं, जो लोग हैं, उन्होंने मुझे एक्टर से स्टार बनाया, स्टार से सुपरस्टार बनाया। अगर मैं घमंडी होता तो मुझे कभी न बनाते। क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है अंदर क्या है बाहर क्या है सब पहचानती है। ये सब जानते हैं, लोगों से कुछ छिपा नहीं है। यहां जो जनता बैठी है मुझसे प्यार करती है। हमारे जज साहिबा हमें प्यार करते हैं। आप करते हैं कि नहीं रजत जी राजेश खन्ना की इस बात पर रजत शर्मा हंस पड़े थे और सिर हिला कर हां में जवाब दिया था। राजेश खन्ना ने आगे शायराना अंदाज में कहा था। आप न जाने मुझको समझते हैं क्या मैं तो कुछ भी नहीं हूं। इतनी बड़ी भीड़ का प्यार मैं रखूंगा कहां, मैं इसके काबिल नहीं, मेरे हमदम मेरे दोस्त। इज्जतें शोहरतें उल्फतें चाहतें, सबकुछ इस दुनिया में रहता नहीं, आज मैं हूं जहां कल कोई औऱ था, ये भी एक दौर है वो भी एक दौर था।