एक मां जो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है लेकिन आज एक मां की ममता उस समय मर गई जब उसने अपनी नवजात बेटी को जंगल मे छोड़ दिया। और फिर दूसरे दिन बेटी को देखने जंगल की तो उसकी मौत हो चुकी थी। उस नवजात सिर्फ इतना ही कसूर था कि वह एक बेटी थी।
पिथोरागढ़ ज़िलें के बेरीनात तहसील के एक गांव में एक मां ने अपनी चौथी संतान को जंगल मे ही जन्म दिया और बेटी होने पर उस नवजात को जंगल में ही मरने के लिए छोड़कर चली गई। महिला ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके तीन बच्चे है दो बेटी एक बेटा औऱ वह चाहती थी चौथा भी उसका बेटा हो। बताया कि उसने छह मई को जगंल में एक बच्ची को जन्म दिया औऱ बेटे की चाहत में उसने बच्ची को कपड़े में लपेटकर वही जंगल मे रख दिया। और दूसरे दिन जब वह जंगल मे देखने गई तो बेटी की सांसें थम चुकी है। जिसके बाद महिला ने नवजात को गड्ढे में डाल दिया।
बाल कल्याण समिति को दौलीगाड़ गांव के पास के जंगलों में नवजात का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। समिति के लोग पुलिस को लेकर वहां पहुंचे तो शव नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। पता चला कि क्षेत्र की एक गर्भवती 10 मई से अपने तीन बच्चों (दो बेटी और एक बेटा) के साथ लापता है।
थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी की तहरीर के आधार पर थाना पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 315, 317, 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया है। बताया जा रहा है कि महिला का पति चंडीगढ़ में नौकरी करता है। आजकल वह भी घर आया है। प्रेमा के तीनों बच्चे अब अपने पिता और दादी के साथ रह रहे हैं।