आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

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उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोपी अप्पर सचिव समाज कल्याण विभाग के राम विलास यादव की गिरफ्तारी पर रोक के मामले पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से 19 जुलाई तक शपथपत्र पेश करने के आदेश दिए है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से कहा कि जब ये जाँच में सहयोग कर रहे थे तो इन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया। जिस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस ने इन्हें जाँच के लिए कई बार बुलाया परन्तु ये उपस्थित नही हुए। कल जाँच के दौरान इन्होंने किसी भी सवाल का सकारात्मक उत्तर नही दिया। इन्होंने अपनी आय से अधिक 522 गुना सम्पति अर्जित की है। इनकी पत्नी को भी जाँच के लिए बुलाया गया परन्तु वे भी उपस्थित नही हुई। राम विलास यादव कोर्ट के आदेश पर विजिलेंस के सम्मुख पेश हुए थे। जहाँ विजिलेंस ने पूछ ताछ कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया । आज सुनवाई के दौरान याचिकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन पर आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोप लगाए गए है । जो लगत है। उनकी लड़की विदेश में , लड़का सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता , उनकी पत्नी कालेज की प्रबंधक और खुद वे आईएएस अधिकारी है । यह सम्पति इनकी मेहनत से अर्जित की है। जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे है। इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नही दिया गया। सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उनको पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया। सरकार की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस टीम ने इनको कई बार अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया परन्तु ये नही गए बजाय ये मुख्य मंत्री प्रमुख सचिव व कई मंत्रियों से मिले। मामले के अनुसार आईएएस राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अप्पर सचिव के पद पर कार्यरत है। पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है। इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी। जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जाँच शुरू की। विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ , देहरादून व गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा जिसमे सम्पति से सम्बन्धी कई दस्तावेज मिले। जाँच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना अधिक सम्पति मिली। इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया । अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आज उन्होंने माननीय उच्च न्यायलय की शरण ली। यादव उत्तर प्रदेश सरकार में एलडीए सचिव के साथ साथ मंडी परिषद के निदेशक भी रह चुके है। यादव को आज विजिलेंस के सम्मुख पेस होना था।
नोट :- खबर में बाईट नही है।

Gunjan Mehra