उत्तराखंड के नैनीताल ज़िलें में कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है। देश विदेश के पर्यटक उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में घूमना अधिक पसंद करते है। वही नैनीताल तो पर्यटकों की पहली पसंद बन गया नैनीताल व आसपास के पर्यटन स्थल सीजन के समय पर्यटकों से गुलजार रहतें है।वही उत्तराखंड के नैनीताल ज़िलें में एक ऐसी जगह जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। जी हां, नैनीताल ज़िलें में एक ऐसी ताल जहाँ पर परियां नहाने के लिए आती है। आइए हम आपको बताते इस ताल के बारे में।
नैनीताल मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी स्थित है यह परी ताल। भीमताल स्थित चाफी से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पहुँचने के लिए आपको थोड़ा पैदल चलना होता है। परी ताल पहुंचने का रास्ता नैनीताल जनपद में भवाली-भीमताल के बीच खुटानी सेत् मुक्तेश्वर की ओर जाने वाले मार्ग पर चांफी नाम के स्थान से पैदल जाता है। नैनीताल से करीब 23 किलोमीटर चांफी तक वाहन से पहुंचने के बाद चांफी के अंग्रेजी दौर के बने झूला पुल के बगल से परी ताल को पैदल रास्ता जाता है।
इस ताल में परियों के निवास करने के कारण इस ताल को परी ताल कहा जाता है।यह ताल बेहद खूबसूरत है।
इस ताल तक पहुँचने के लिए यदि ट्रैकिंग करते हुए जाते है यह सफर बेहद ही रोमांचक होता है। जंगलों के बीच से गुजरते गए इस रास्ते में कई जंगली जानवरो की आवाज़ भी सुनाई देती है। लेकिन इस रास्ते से गुजरते हुए इस परी ताल तक पहुँचने का सफर बेहद सुहाना होता है। इस ताल की रहस्यमयी तालों में गिनती की जाती है। माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन यहां परिया नहाने के लिए आती है। यहां पर एक खूबसूरत झरना भी है।
यदि आप आ रहें है नैनीताल की सैर पर तो आप इस परी ताल पर अवश्य जाए। जिसको देखते ही आपका मन खुश हो जाएगा।
माना जाता है की लोगो ने यहां पर परियों को निकलते हुए देखा है। रहस्यमय लोक कथाओं के कारण इस ताल को शुभ माना जाता है। यह भी कहा जाता है यहां पर देव परिया स्नान करने आती है। जिस कारण स्थानीय लोग यहां डुबकी लगाने या स्नान करने से बचते है।


