सतत विकास लक्ष्यों की कार्य योजना इकोसिस्टम व अनुश्रवण विषयक कार्यशाला का आयोजन

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नैनीताल। सतत विकास लक्ष्यों की कार्ययोजना, इकोसिस्टम तथा अनुश्रवण विषयक कार्यशाला का आयोजन शिक्षा भवन, भीमताल में किया गया। मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. संदीप तिवारी, डाॅ. मनोज पन्त, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सी.पी.पी.जी.जी. नियोजन विभाग, तथा उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या, कुमाऊॅ मण्डल, राजेन्द्र तिवारी द्वारा दीप प्रवज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया।

मुख्य विकास अधिकारी/नोडल अधिकारी एस.डी.जी. नैनीताल द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में तैयार की गई, कार्य योजना को भविष्य हेतु जनपद/विकास खण्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर सतत विकास लक्ष्य अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर किया जायेगा। सभी विभागों से अपेक्षा की गई कि योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ – साथ सूचनाओ को ससमय प्रेषण पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाना होगा। सत्त विकास लक्ष्यों के प्राप्ति में जनपद के सभी विभागों को टीम के रूप में कार्य करते हुए राज्य स्तर पर उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करना होगा।

कार्यशाला में डाॅ. मनोज कुमार पन्त, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सी.पी.पी.जी.जी. नियोजन विभाग द्वारा बताया गया कि सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीय स्तर पर नियोजन एवं क्रियान्वयन करने के लिए जनपद नैनीताल द्वारा उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम एसडीजी एक्शन प्लान तैयार किया गया, जिसके लिए उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी एवं जनपद के टीम को बधाई दी। उनके द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों की अधिप्राप्ति के लिए आजीविका, मानव विकास, पर्यावरण सतत्ता तथा सामाजिक विकास क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों के आउटपुट एवं आउटकम की सूचनायें ससमय शासन स्तर तक पहुॅचने हेतु बेहतर डेटा इको सिस्टम विकसित किये जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये। भविष्य में सतत् विकास लक्ष्यों के ग्राम एवं विकास खण्ड स्तर पर सैन्सटाईजेशन हेतु विकास खण्ड स्तर पर कार्यशालायें आयोजित की जायेगी, ताकि ग्राम स्तर पर ही विकास का सस्टेनेबल माॅडल विकसित हो एवं सूचनाये शासन स्तर तक प्रभावी रूप से पहुॅचने का तन्त्र विकसित हो, इस हेतु सैक्टरवार कार्ययोजना तैयार करने में निश्चित रूप से सुगमता होगी तथा विकास कार्यो का प्रभावी अनुश्रवण हो सकेगा। डाॅ. पन्त कहा कि जनपद में एसडीजी लक्ष्यवार बनाये गये नोडल अधिकारी के सापेक्ष जनपद स्तर पर अधिक से अधिक विभागों को सम्मिलित किया जाय, ताकि समस्त क्षेत्र सम्मिलित हो सकें। इसी क्रम में सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण (SDGs Localizing) हेतु स्थानीय सम्भावनाओं, वित्तीय संसाधन, मानव संसाधन तथा तकनीकी संरचना का चिन्हीकरण करते हुए, प्रदेश के सभी जनपदों द्वारा अपने अपने जनपदों का विजन डाक्यूमेंन्ट/कार्ययोजना तैयार कर अन्तिम रूप दिया जाना है। जनपद नैनीताल द्वारा सतत् विकास लक्ष्य के लिए विभागों द्वारा तैयार की गई वार्षिक एवं त्रिवर्षीय कार्य योजनाओं पर समीक्षा कर कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया गया है, जिसकी अन्तिम रिपोर्ट शासन स्तर को जिलास्तर से प्रेषित की जायेगी। कार्यशाला में विशेषज्ञ सी.पी.पी.जी.जी. नियोजन विभाग उत्तराखण्ड करूणाकर, द्वारा डी.पी.जी.पी. पर पावरपाइन्ट प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया। विभिन्न प्रतिभागियों/विभागों द्वारा एसडीजी इन्डेक्स के अनुसार कार्यशाला में अपने विभाग से सम्बन्धित सत्त विकास लक्ष्य की कार्य योजना से अवगत कराया गया। भविष्य हेतु जनपद/विकास खण्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर सत्त विकास लक्ष्य अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर किया जायेगा। जनपद स्तर पर कार्यरत विभिन्न स्वयं सहायता संगठन चिया, चिराग, हिमात्थान, हिमानी, आरोही द्वारा सहभागिता की गई।कार्यशाला में मुकेश सिंह नेगी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, द्वारा विजन 2030 के लिए सतत् विकास लक्ष्यों की पूर्ति हेतु बनाये गये त्रिवर्षीय कार्य योजना की उपयोगिता के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। नियोजन विभाग से उपस्थित अधिकारियों तथा कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों एवं विभागों द्वारा कार्य योजना बनाने में जो अपेक्षित सहयोग देने हेतु भी धन्यवाद किया गया।
कार्यशाला में अजय कुमार, परियोजना निदेशक, डीआरडीए, गोपाल गिरी, जिला विकास अधिकारी, नैनीताल, डाॅ. रश्मि पन्त, अपर मुख्य चिकित्साधिकरी, नैनीताल, शिल्पी पन्त, सहायक परियोजना निदेशक, डी.आर.डी.ए. नैनीताल, डाॅ. बीकेएस यादव, मुख्य कृषि अधिकारी नैनीताल तथा अन्य जनपदस्तरीय अधिकारी, स्थानीय नगरीय अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला का संचालन कमल सिंह मेहरा, अपर सांख्यिकीय अधिकारी द्वारा किया गया।

Gunjan Mehra