चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर क्यूआर कोड आएगा। इस क्यूआर कोड के आधार पर धामों में दर्शन करने के लिए टोकन मिलेगा। इसी टोकन में दर्शन का समय होगा। पर्यटन विभाग की इस नई व्यवस्था से श्रद्धालुओं को लंबी लाइनों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। बिना क्यूआर कोड के दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए इस बार परिवहन मुख्यालय मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगा। आरटीओ दून सुनील शर्मा की ओर से चारधाम यात्रा को लेकर जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसे मद्देनजर रखते हुए परिवहन मुख्यालय एसओपी तैयार कर रहा है। वहीं, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा में ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया, चेकपोस्ट, यहां तैनात होने वाली प्रवर्तन दल की कार्यप्रणाली, यात्रा सेल की जिम्मेदारियां तय करने के लिए यह एसओपी तैयार की जा रही है।
अब तक 61250 पंजीकरण
बुधवार को चारधाम यात्रा के लिए 30 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। दो दिन में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के लिए 61250 पंजीकरण हो चुके हैं।
अभी सिर्फ बदरीनाथ व केदारनाथ के लिए ही पंजीकरण
अभी तक पंजीकरण की सुविधा बदरीनाथ व केदारनाथ की यात्रा के लिए है। जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के बाद ही इन दोनों धामों के लिए पंजीकरण शुरू होगा। फिर चारों धामों के लिए एक ही पंजीकरण पर्याप्त होगा।
प्रदेश के लोगों को भी कराना होगा पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण व्यवस्था बाहरी राज्यों के तीर्थयात्रियों के साथ ही प्रदेश के लोगों के लिए भी अनिवार्य है। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड के अलावा पहचान से संबंधित कोई भी प्रमाणपत्र दे सकते हैं।
पंजीकरण में बदलाव नहीं होगा संभव
यदि कोई केदारनाथ या बदरीनाथ धाम के लिए पंजीकरण कराता है और बाद में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम भी जाना चाहता है तो दोबारा से पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण में यात्रा करने वाले सभी सदस्यों की जानकारी देनी होगी। बाद में इसमें बदलाव नहीं हो पाएगा।
ग्रीन कार्ड मार्च के अंतिम सप्ताह से
चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड बनाने का काम मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू किया जाएगा। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि वाहनों के ग्रीन कार्ड के लिए ऑनलाइन या एप के माध्यम से आवेदन करने के बाद किसी भी परिवहन दफ्तर में जाकर वाहनों की भौतिक जांच करानी होगी। इसी आधार पर ग्रीन कार्ड जारी होंगे। संभावित तौर पर 20 से 25 मार्च के बीच यह काम शुरू कर दिया जाएगा।