बनभूलपुरा हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक पर यूएपीए लगाया गया है। इस धारा के तहत पुलिस मलिक को 30 दिन की पुलिस हिरासत में ले सकती है। कोर्ट में उसे यह सिद्ध करना होगा की मलिक पर यह धारा क्यों लगाई गई है।
आपको बता दें कि UAPA को 1967 में लागू किया गया था। जिसके बाद इसको 2004 और वर्ष 2008 में आतंकवाद विरोधी कानून के रूप में संशोधन किया गया। जिसके बाद 2019 अगस्त में संसद ने कुछ आधारों पर व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए यूएपीए बिल 2019 को मंजूरी दी।
एडवोकेट पंकज कबड़वाल ने बताया कि यूएपीए के तहत उन लोगों पर कार्रवाई की जाती है जो आतंकी गतिविधियों में संदिग्ध होते है। यूएपीए की धारा 15 आतंकी गतिविधि को परिभाषित करती है। इसके तहत पांच साल या फिर आजीवन कारावास साज का प्रावधान है। इसके तहत यदि कोई भी व्यक्ति आतंक फैलाने के मकसद से देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और संप्रभुता को खंडित करने की कोशिश करता है या फिर देश या देश के बाहर भारतीयों के साथ आतंकी घटना करने के कोशिश करता है तो वह यूए पीए कानून में आ जाता है।