उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए बर्ड वाचिंग बन सकता है रोजगार का अहम जरिया :- पूरन बृजवासी

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उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिए प्रदेश में ‘बर्ड वाचिंग’ में रोजगार  सृजन और राजस्व का अहम जरिया बनाया जा सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी का कहना है असल में पूरे देशभर में पायी जाने वाली पक्षियों की लगभग 1300 प्रजातियों में से 710 प्रजातियाँ उत्तराखंड में चिन्हित की गयी है। पक्षी प्रेमियों के लिए यहाँ कि पक्षी विविधता किसी ‘अंतराष्ट्रीय हब’ से कम नहीं है। जरूरत है तो बस इस दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाने के साथ-साथ ही देश-विदेश के बर्ड यानि बर्ड वाचिंग के शौकीनों का ध्यान खींचने की, ताकि उत्तराखंड भी विकसित देशों की तरह अच्छा खासा टर्नओवर अपने देश भारत को दे सके।

पूरन ब्रजवासी ने कहा कि अमेरिका में परिंदो की 900 प्रजातियाँ पायी जाती है और वहां बर्ड वाचिंग से सात लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इससे प्रतिवर्ष करीब 10 बिलियन से भी अधिक राजस्व प्राप्त होता है। इसी प्रकार इंग्लैंड, यूरोपीय देशों में बर्ड वाचिंग का अच्छा खासा व्यापार  है। कहा कि उत्तराखंड में भी बर्ड वाचिंग की अच्छी खासी अपार संभावनाएं है। बावजूद इसके भी पक्षी अवलोकन से रोजगार सृजन और राजस्व की दिशा में वो पहल नहीं हो पायी है, जिसकी दरकरार है। वह भी तब जब उत्तराखंड में 71% वन भू-भाग और इस राज्य में 6 राष्ट्रीय पार्क, 7 अभ्यारण और 4 कंजवेर्शन रिजर्व है। इनके साथ ही साथ देवभूमि के अन्य क्षेत्रों में तालाबों, नदियों और बुग्यालो पर भी परिंदो का खूबसूरत संसार बसता है, जो हर किसी का मन मोह लेता है। पूरन ब्रजवासी ने कहा कि बर्ड वाचिंग यदि संरक्षण के साथ-साथ रोजगार व राजस्व बढ़ोत्तरी का भी जरिया बन जाये तो इससे बेहतर और क्या होगा। हालांकि उत्तराखण्ड राज्य का वन महकमा इस दिशा में धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ा रहा है, विभाग के इको टूरिज्म सेक्शन के माध्यम से वर्ष 2014 से शुरू की गई बर्ड फेस्टिवल की पहल इसी कड़ी का हिस्सा है। वर्ष 2018 में देहरादून के थानों और हरिद्वार जिले के झिलमिल क्षेत्र में ये फेस्टिवल हुआ, इस पहल के पीछे मंशा ‘पक्षी संरक्षण’ के लिए जागरूकता बढ़ाने के साथ ही, नये डेस्टिनेशन का चिंहीकरण, व वन क्षेत्रों से लगे इलाकों में ग्रामीणों को वर्ड वाचर गाइड प्रशिक्षण, होम स्टे समेत अन्य कदम उठाने की आवश्यकता है। जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इस तरह की पहल को वृहद् आकार देने के लिए उत्तराखंड सरकार को कार्य योजना तैयार कर इसे धरातल पर उतरना होगा  इसके लिए न सिर्फ वन विभाग बल्कि पर्यटन विभाग अन्‍य विभागों का भी सहयोग लेना होगा। यदि इस दिशा में उत्तराखंड सरकार कि प्रभावी पहल हुई तो विश्व के विभिन्न देशों की तरह उत्तराखंड को भी नई पहचान मिलने के साथ-साथ ही बर्ड वाचिंग रोजगार का भी अहम जरिया बन सकेगा।

Gunjan Mehra