नैनीताल : कुविवि द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय पाठ्यक्रम निर्माण कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे देश एवं प्रदेश के शिक्षाविद एवं विषय विशेषज्ञ

ख़बर शेयर करें :-

कुविवि द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय पाठ्यक्रम निर्माण कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे देश एवं प्रदेश के शिक्षाविद एवं विषय विशेषज्ञ

स्नातकोत्तर एवं व्यावसायिक कक्षाओं हेतु बनाया जायेगा चयन आधारित सामान्य न्यूनतम पाठ्यक्रम

कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा दिनाँक 14, 15 एवं 16 मार्च 2023 को उत्तराखंड राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एक समान पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए द्वितीय त्रिदिवसीय पाठ्यक्रम निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। त्रिदिवसीय कार्यशाला में स्नातकोत्तर एवं व्यावसायिक कक्षाओं हेतु चयन आधारित सामान्य न्यूनतम पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा।

तीन दिवसीय पाठ्यक्रम निर्माण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड राज्य के माननीय शिक्षा, चिकित्सा एवं सहकारिता मंत्री डॉ० धन सिंह रावत जी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे एवं कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो० एन०के० जोशी द्वारा की जायेगी। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो० ओम प्रकाश सिंह नेगी, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो० जगत सिंह बिष्ट, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो० सुरेखा डंगवाल, कुलपति श्री देव सुमन विश्वविद्यालय प्रो० महाबीर सिंह रावत, सलाहकार रूसा प्रो० एम०एस०एम० रावत एवं प्रो० के०डी० पुरोहित उपस्थित रहेंगे।

कार्यशाला में विज्ञान, सूचना प्रोद्यौगिकी व नवोन्मेषी तकनीकी के साथ-साथ देश के प्राचीन ज्ञान, विज्ञान तथा दर्शन को सहेजने व उस पर गहन अध्ययन एवं शोध को स्नातकोत्तर एवं व्यावसायिक विषयों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किये जाने हेतु भी मंथन किया जायेगा। पाठ्यक्रम निर्माण कार्यशाला में देश एवं प्रदेश के शिक्षाविद एवं विषय विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं।

इस अवसर पर कुलपति प्रो० एन०के० जोशी ने बताया कि हमें अवसर प्राप्त हो रहा है कि हम विद्यार्थी को रट्टामार एवं बोझिल पाठ्यक्रम से बाहर निकालकर ऐसे शोध एवं गतिविधि आधारित रोचक पाठ्यक्रम को तैयार कर सकें जिससे विद्यार्थियों को नवाचारी, वैज्ञानिक, सृजनशील, परिश्रमी और उद्यमी बना सकें।

कार्यशाला के आयोजक सचिव प्रो० संजय पंत ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से हमारी कोशिश होगी कि हम स्नातकोत्तर एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं शिक्षण कौशल के माध्यम से विद्यार्थियों को एक ऐसा अनुभव प्रदान कर सके जिससे कि वे अपने ज्ञान को बदलती परिस्थितियों या कार्य क्षेत्रों में उपयोग में ला सकें।

Gunjan Mehra