नैनीताल : इतिहास बन गया अंग्रेजों  की शाही सवारी पैडल रिक्शा, इस इतिहास को इस तरह रखा जाएगा जीवित

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नैनीताल ।  शहर में ब्रिटिशकाल से नैनीताल की माल रोड की शान रहे पैडल रिक्शे अब पूरी तरह से बंद हो गये हैं। पालिका स्तर पर शनिवार को और नये 6 ई-रिक्शा लाए गए।अभी 7 और ई रिक्शा लाने की तैयारी की जा रही है,जिसके बाद पैडल रिक्शो के लगभग सवा लाख के पाट्र्स और 10 पेडल रिक्शा को कबाड़ में बेचा जाएगा।
बता दें कि अंग्रेजी शासन काल के दौरान अंग्रेजो ने यातायात संसाधनों के तौर पर सबसे पहले शहर में हाथ रिक्शों की शुरूआत की थी। लंबे समय तक हाथ रिक्शों के संचालन के बाद 1942 में पैडल रिक्शों की शुरूआत हुई जो शहर की मालरोड में आवागमन का मुख्य साधक बने। पालिका की ओर से लाइसेंस प्राप्त 82 रिक्शों के संचालन के लिए अलग से नियम कानून भी बनाये गए। मगर वर्तमान जरुरतों को देखते हुए 2016 में जनहित संस्था ने पैडल रिक्शों के स्थान पर ई-रिक्शा संचालन की मांग की। करीब दो वर्ष पूर्व संस्था की मांग पर विचार करते हुए पालिका ने पांच ई-रिक्शा की शुरूआत की। ई-रिक्शों की संख्या बढ़ते हुए अब 20 पहुँच गई है।

नैनीताल। शहर में पैडल रिक्शे पूरी तरह से बन्द करने के बाद पैडल रिक्शा का इतिहास जीवित रखने के लिए पालिका की ओर से ऐक पैडल रिक्शा को सजावट कर पार्क में रखा जाएगा। रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष नन्दा बल्लभ जोशी ने बताया कि नैनीताल में अब 20 ई रिक्शा चलाये जा रहे हैं। दो सप्ताह के भीतर 7 ई रिक्शा और लाए जाएँगे,साथ ही आज को रिक्शा किराए में बढ़ोतरी को लेकर पालिका के अधिशासी अधिकारी के साथ बैठक की जाएगी।

Gunjan Mehra