कहते है अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुम्हें मिलाने में लग जाती है…. हल्द्वानी में प्रेम का अर्थ समझाएगी हर्षिका की कहानी, जिसने श्री कृष्ण से रचाई शादी

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कहते है अगर किसी भी चीज को आप सिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुम्हें मिलाने में लग जाती है… ऐसा ही कुछ हुआ है यहां… हल्द्वानी में एक अनूठी शादी हुई, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रहीहै। श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन युवती ने जीवन भर कान्हा के साथ रहने की ठान ली और उनकी मूर्ति से शादी भी कर ली है। शादी समारोह में शामिल हुए अतिथियों के लिए खानपान से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी जुटाई गई थी। विदाई होने के बाद युवती कान्हा की मूर्ति को लेकर कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची। श्रीकृष्ण की दुल्हन बनने के लिए 21 वर्षीय युवती 15 सालों से करवा चौथ की व्रत कर रही थी।

 

हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना सर्वस्व मान चुकी है। सुबह साढ़े दस बजे गाजे बाजे के साथ बारात आई, वरमाला हुई सात फेरे हुए लोग दावत में पहुंचे और हर्षिका को आशीर्वाद दिया साथ ही शगुन का टीका भी लगाया। हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों के कसमें खाई और अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर भर लिया है।

 

बता दें कि गुरुवार यानी 11 जुलाई को धूमधाम से शादी हुई। इससे पहले बुधवार को घर में मेहंदी और हल्दी का कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें सभी रिश्तेदार और आसपास के लोग भी शामिल हुए। बैंड बाजे के साथ बाराती दरवाजे तक पहुंचे। जहां कुमाऊंनी रीति रिवाज के अनुसार भगवान कृष्ण की दरवाजे पर स्वागत की गई। इसके बाद कुमाऊंनी रीति रिवाज के तहत हर्षिता का भगवान कृष्ण से शादी रचाई गई।

 

 

हर्षिता के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि बेटी की भगवान कृष्ण से शादी करवा दी है। अब भगवान कृष्ण को अपना दामाद बनाया है। आज से उनके घर में भगवान कृष्ण विराजमान रहेंगे। बता दें कि हर्षिका कक्षा पांचवीं तक पढ़ी हैं। जिस तरह से मीराबाई ने यौवन काल से लेकर मृत्यु तक श्रीकृष्ण को ही अपना सब कुछ माना था, उसी तरह हर्षिका भी कान्हा की दीवानी हैं।

 

बता दें कि हर्षिका बचपन से ही दिव्यांग है उसके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता, अपने दैनिक कार्यों के लिए भी दूसरो पर निर्भर रहना पड़ता है।

Gunjan Mehra