नैनीताल : कद छोटा हुआ तो क्या हुआ , अपने हौसले से आसमान छू रही महज 3 फुट की चित्रा

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मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है…..किसी शायर की यह लाइनें बहुत लोगों ने पढ़ी और सुनी होगी, लेकिन हल्द्वानी की चित्रा थुवाल ने इसे खूब ठीक से समझा है और साबित कर दिया है कि हौसले के दम पर आसमां भी हासिल हो सकता है। दृढ़ संकल्प और हौसलों की मिसाल चित्रा हर उस इंसान के लिए प्रेरणा हैं, जो किस्मत का रोना रोते हैं।
कहते हैं की अगर इंसान के मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो तमाम परेशानियां भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती, इसे ठीक तरह से चरितार्थ किया है हल्द्वानी की चित्रा ने जिनका कद भले ही छोटा हैं, लेकिन उनका जज्बा और हौंसला उससे कहीं बड़ा। जिसके दम पर ही आज वह समाज के लिए प्रेरणा बनी है।
हम बात कर रहें है चित्रा थुवाल की जिनका कद महज 3 फुट हैं, लेकिन उनके सपने बेहद बड़े हैं। और उन्होंने छोटे कद के बावजूद भी डॉक्टर बन नाम रोशन किया हैं। चित्रा जो की फिजिकली डिसेबल हैं,लेकिन उनके अंदर के जोश ने इन कमियों को दूर कर अपना सपना पूरा किया हैं।
चित्रा के छोटे भाई ने बताया की उनके बहन ने 12वीं तक की पढ़ाई आर्यमन विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग से की जिसके बाद उन्होंने यूपीएमटी ( उत्तराखंड प्री –मेडिकल टेस्ट) पास किया और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद अपनी इंटर्नशिप क्लियर करने के बाद अब उनकी पोस्टिंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टाइप –ए फंटकुआं हल्द्वानी में हुई हैं, जहां अब वह मरीजों का ईलाज करेंगी।
वहीं चित्रा ने बताया की उनके कद की वजह से उन्हें कई परेशानियां आई लेकिन उनके जज्बे के आगे उनकी परेशानियां भी छोटी पड़ गई और उन्होंने अपनी मेहनत और हौंसले से यह मुकाम हासिल किया। बताया की उनके डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने में उनके परिवार और दोस्तों का तो पूरा साथ मिला लेकिन उनके पिता ने उन्हें डॉक्टर बनने के लिए सबसे ज्यादा प्रेरित किया और उन्ही की प्रेरणा से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। बताया की उनके परिवार में कुल पांच सदस्य हैं जिनमें उनकी माता, दो बहने और दो भाई हैं। बताया की सभी उनका पूरा सपोर्ट करते हैं।
चित्रा ने कहा की अगर इंसान मन में कुछ कर गुजरने की ठान ले तो कोई भी अड़चन उसके सपने पूरा करने से रोक नहीं सकती।

Gunjan Mehra