नैनीताल : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ! महिला दिवस के अवसर पर समाज के लिए प्रेरणा बनी महिलाओं को निर्मला सोसायटी ने किया सम्मानित

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नैनीताल। हर साल महिला दिवस किसी ना किसी थीम पर आधारित होता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 (IWD 2022) की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी मजबूत भव‍िष्‍य के ल‍िए लैंग‍िक समानता जरूरी है। इसी थीम को लेकर आज नैनीताल क्लब के शैले हॉल में निर्मला सोसायटी द्वारा नैनीताल की उन महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनी है। इस कार्यक्रम को आर्टिस्ट मीट का नाम दिया गया।
कार्यक्रम में अर्जुन अवार्डी शीतल राज(माउंट एवरेस्ट विजेता,माउंट अन्नपूर्णा, कंचनजंघा विजेता),कैंसर के खिलाफ पिंक मुहिम चलाने वाली आशा शर्मा,सिंगल पैरेंटिंग जैसे मुश्किल काम के साथ साथ निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाली आवाज़ इंडिया की संपादक कंचन वर्मा,ड्रग्स अवेयरनेस की मुहिम चलाने वाली सभासद गजाला कमाल,फिल्म मेकिंग में उत्तराखंड का नाम रौशन करने वाली शालिनी साह,वॉयस आर्टिस्ट स्मिता कर्नाटक,मेंसुरेशन हाइजीन के लिए जागरूकता अभियान चलाने वाली रेश्मा टण्डन,यूक्रेन में बमबारी के बीच अकेले हिम्मत दिखाकर पोलैंड तक पहुंची और भारत तक सुरक्षित आने वाली आयुषी जोशी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान शीतल राज ने कहा कि आज वो जो कुछ भी है उसमें उनके परिवार का बहुत सहयोग रहा,उनकी माँ पेंटिंग करना चाहती थी पर जल्दी शादी हो गयी तो सपने पूरे नही कर सकी पर जिस क्षेत्र में मैं जाना चाहती थी वो भी कम मुश्किल भरा नही था,क्योंकि पर्वतारोहण में ज़्यादातर पुरुष ही आगे रहते है,ये मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी,जिसमे मैंने अपना 100% दिया और रिजल्ट आपके सामने है इसीलिए महिलाओं को चाहिए कि वो जिस क्षेत्र में भी रुचि रखती है उसमें अपना फोकस करें और मेहनत करें कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जिसमे महिलाएं आगे न बढ़ सके।
पिंक मुहिम के माध्यम से महिलाओं में कैंसर को लेकर जागरूकता अभियान चलाने वाले आशा शर्मा ने कहा कि सिर्फ आज ही नही बल्कि हर दिन महिलाओं का है। आज हम महिला सशक्तिकरण की बात कर रहे है,उन्हें बढ़ावा देने के लिए परिवार को आगे आना होगा,उन्होंने आयुषी का उदाहरण देते हुए कहा कि आज महिलाएं पॉवरफुल हो रही है आयुषी ने अपनी जान की फिक्र न करते हुए हिम्मत दिखाकर यूक्रेन में हो रही बमबारी के बीच अपनी दोस्त के साथ लंबा सफर तय करते हुए किसी तरह पोलैंड तक पहुंची जहां से उन्हें भारत आने में मदद मिली। वही आयुषी ने कहा कि यूक्रेन में हमने सोच लिया था कि अब मरना तो है ही तो बंकर में क्यो खुली हवा में एक कोशिश क्यो न की जाए?
पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले कई सालों से काम कर रही और समाज सेवा में लगी आवाज़ इंडिया की संपादक कंचन वर्मा ने महिलाओं की महावारी पर खुल कर बात की और कहा कि इक्वेलिटी की बात हर महिला दिवस में की जाती है लेकिन जब बात माहवारी की आती है तो महिलाओं को अछूत समझा जाता है,जबकि यही वो समय होता है जब महिलाओं को सबसे ज़्यादा केयर की ज़रूरत होती है। गावो में महावारी के दिन महिलाओं को अछूत समझकर अलग रखा जाता है,लेकिन काम करवाने में कोई कमी नही आती,ऐसा बर्ताव ठीक नही है। महावारी के दिनों में ही लड़कियों का मूड स्विंग होता है ऐसे में उन्हें प्यार की ज़रूरत होती है। अछूत मानने की इस सोच को बदलना होगा।
गजाला कमाल ने महिलाओं के उत्थान की बात करते हुए कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है,इसीलिए किसी भी लड़की को खुद को कम नही समझना चाहिए, आगे बढ़े और समाज को नई दिशा दे।
फ़िल्म मेकिंग में मुंबई तक उत्तराखंड का नाम रौशन करने वाली शालिनी साह ने कहा कि महिलाएं आज किसी से कम नही है हर क्षेत्र में महिलाएं नाम रौशन कर रही है। निर्मला सोसायटी की ओर से महिलाओं को जो सम्मान दिया जा रहा है ये सराहनीय है क्योंकि निर्मला सोसायटी में मैं देख रही हूं कि यहां ज़्यादातर यूथ लड़के ही है,और ये बहुत अच्छी बात है कि जब महिलाएं इक्वेलिटी की बात कर रही है तब निर्मला सोसायटी के यूथ द्वारा उन्हें सहयोग किया जा रहा है।
इसी तरह सम्मानित की गई प्रत्येक महिला ने महिलाओं पर अपनी अपनी बात कही और निर्मला सोसायटी के धन्यवाद अदा किया।
कार्यक्रम का आयोजन प्रमोद प्रसाद, आदित्य खत्री, अनुराग चन्द्रा, काजल, रोशन, संजना, आस्था, मानसी, अर्चना, आदि ने किया। मुख्य प्रस्तुती इकाई बैण्ड द्वारा दी गयी। वही कार्यक्रम मे 60 से अधिक युवा कलाकारो ने परफार्मिंग व विजवल आर्ट मे अपनी प्रस्तुती दी।

Gunjan Mehra