उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी में हाइड्रोपोनिक तकनीक द्वारा पालक की खेती कर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज

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नैनीताल। उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी में हाइड्रोपोनिक तकनीक द्वारा पालक की खेती का उत्पादन कर अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज करा दिया है। 16 मार्च, 2023 को बॉयोटेक्नालॉजी कॉनक्लेव में यह सम्मान डीआरडीओ के निदेशक डॉ. देवकांत पहाड़ सिंह, प्रायोजक संस्था फाउंडेशन के चेयरमैन कौशल कुमार एवं पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान के अधिष्ठाता प्रो. डा. एसपी सिंह द्वारा उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के निदेशक प्रो.डॉ. संजय कुमार व डॉ. सुमित पुरोहित, वैज्ञानिक को बॉयोटेक्नोलॉजी कॉनक्लेव में सम्मानित किया। उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक प्रो. डॉ. संजय कुमार एवं वैज्ञानिक डॉ. सुमित पुरोहित द्वारा हाइड्रोपोनिक विधि से सबसे लम्बी पालक 30 सेमी उगा कर उन्हें इन्टरनैशनल बुक ऑफ रिकार्डस की ओर से प्रमाण-पत्र मेडल द्वारा सम्मानित किया गया।

डॉ. सुमित पुरोहित ने बताया कि उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक प्रो. डॉ. संजय कुमार के मार्गदर्शन में यह संभव हो पाया। डॉ.सुमित पुरोहित ने बताया कि हाइड्रोनिक विधि से उगी पालक में सभी पोषक तत्व है। इन 13 तत्वों को पानी में मिलाया जाता है तथा पानी का पीएच मान 5-8 तक रखा जाता है। जिससे इस प्रकार की उन्नत तथा पौष्टिक पालक तैयार की जाती है।

उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक प्रो. डा. संजय कुमार ने परिषद में चल रहे शोध कार्यों के फलस्वरूप परिषद् का नाम रोशन करने पर सभी को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् की वैज्ञानिक डॉ. कंचन कार्की, डॉ. मणिन्द्र शर्मा. अमित पुरोहित, जितेन्द्र, अनुज, सौरभ, चन्द्रशेखर व अन्य वैज्ञानिक कर्मचारी ने शुभकामनाएं दीं।

डॉ. सुमित पुरोहित ने कौशल कुमार, प्रियंका, ललित मिश्रा, बबीता, लक्षमण, महेन्द्र का आभार जताया। डॉ. पुराहित ने इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, परिवार एवं गुरूजनों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन को दिया।

Gunjan Mehra