नैनीताल के भीमताल में आतंक का पर्याय बना नरभक्षी बाघ को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर रात के समय जंगलिया गांव की नौली से पकड़ा। कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने नरभक्षी को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू सेंटर रानीबाग भेज दिया है । भीमताल और उसके आसपास के क्षेत्र में कई दिनों से नरभक्षी बाघ का आतंक था यहां पर अभी तक दो महिलाएं और एक युवती की बाघ द्वारा हत्या कर दी गई है। जिसके बाद यहां के ग्रामीणों ने शव को रखकर प्रदर्शन भी किया था इसके बाद विभाग द्वारा यहां पर कई क्षेत्रों में पिंजरे लगाए गए थे लेकिन पिंजरे में यह बाघ कैद नहीं हो सका । वन विभाग की टीम ने रात के समय घेराबंदी कर ट्रेंकुलाइज किया फिलहाल बाघ को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है। लेकिन अभी जांच होनी बाकी है कि यह बाघ आदमखोर है कि नहीं। बाघ के सैंपल को डब्ल्यूआईआई देहरादून भेजकर ही पुष्टि होने की बात कही है।
वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि सोमवार की रात 12 बजे जंगलियागांव में बाघ विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु पांगती, डॉ. दुष्यंत ने अपनी टीम के साथ क्षेत्र में घूम रहे नरक्षभी बाघ को ट्रैंकुलाइज किया। उन्होंने कहा कि बाघ को ट्रैंकुलाइज करने में बड़ी मश्क्कत करनी पड़ी।
मेलकानी ने बताया कि पकड़ा गया बाघ नरभक्षी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अंदेशा है कि इसी ने तीन लोगों को मारा है। हालांकि पुष्टि डब्लूआईआई देहरादून को भेजे जा रहे सैंपल की रिपोर्ट के बाद ही होगी। बाघ पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।