नैनीताल : आशा वर्कर्स ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

ख़बर शेयर करें :-

उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन द्वारा राज्य की आशाओं की समस्याओं का तत्काल समुचित समाधान किए जाने के संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।

ज्ञापन के माध्यम से आशाओं ने अवगत कराया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाएं विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में लगा दी गई हैं। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की सेवा से शुरू करते हुए आज आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है। आशाओं को उनके काम के अनुरूप पैसा मिलना तो दूर वादा किया गया पैसा भी नहीं मिल रहा है। आशाओं की लगातार ट्रेनिंग चलती रहती हैं लेकिन ट्रेनिंग में दिया जाने वाला पैसा इतना भी नहीं होता कि दूर दराज से आने वाली आशाएं अपना किराया भाड़ा भी दे सकें। आशाओं को मिलने वाला विभिन्न मदों का प्रति माह मिलने वाला पैसा छह छह माह तक नहीं मिल रहा है जिसके कारण आशाएं बहुत दिक्कतों का सामना कर रही हैं।

उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) की ओर से मांग की गई है कि आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड द्वारा आशाओं के मानदेय को लेकर बनाए गए 2021 के प्रस्ताव को लागू करने का आपके द्वारा खटीमा में किया गया वादा तत्काल पूरा किया जाय, आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा व  सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन दी जाय,  सेवानिवृत्त होने वाली आशाओं को एकमुश्त धनराशि व आजीवन पेंशन का प्रावधान किया जाय।, आशाओं को विभिन्न मदों के लिए दिए जाने वाले पैसे कई कई महीनों तक लटकाने के स्थान पर अनिवार्य रूप से हर महीने दिया जाय, आशाओं को ट्रेनिंग व पल्स पोलियो अभियान के दौरान प्रति दिन पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाय।

आशाओं ने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो आंदोलन करने को बाध्य होंगी।

Gunjan Mehra