सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने उत्तराखंड मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु को लिखा पत्र, सड़क किनारे से काबिज लोगों को न हटाने की रखी माँग

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भीमताल पहाड़ वासियों की रोजी-रोटी के साधन उनके परिवार की अर्थव्यवस्था सम्भालने के सहारे को उनसे न छीना जाए, पहाड़ का पलायन रोकने, स्थानीय लोगों को रोजी-रोटी एवं अर्थव्यवस्था चलाने हेतु ,पिछली पीढ़ी दर पीढ़ी से यहाँ के कई सैकड़ों स्थानीय लोग यहाँ के राजमार्गों, सड़कों, वन क्षेत्र, नदियों, झरनों, आदि के किनारे बसे हुए है l इसके अलावा भौगोलिक परिक्षेत्र को देखते हुए उनके पास और अपनी आजीविका चलाने का कोई साधन भी नहीं था, भीमताल विधानसभा सभा अंतर्गत चंदा देवी, सलड़ी से लेकर चाफी पदमपूरी ,भीमताल नगर क्षेत्र अंतर्गत आदि क्षेत्रों पर पिछले 50-75 सालों से अपने कब्जे की जमीन पर आवास बनाकर, दुकान बनाकर अपनी आजीविका चला रहे और रह रहे हैं l ग्रामीणों ने अपने पुरखों एवं अपनी सारी जमा पूंजी आवास एवं दुकानों पर लगा दी उनके पास इसके अलावा जीने का कोई और चारा-सहारा नहीं बचा है , जैसा कि पहाड़ का भौगोलिक परिक्षेत्र एवं जनसंख्या घनत्व तराई से भिन्न होता है यहां के लोग सीधे-साधे मेहनती एवं अतिथि देवो भवः की भावना से जीते हैं और पहाड़, प्रकृति के प्रति समर्पित सेवा भाव से जुड़े रहते हैं ये उनका जन्मजाती स्वभाव होता है।
लोगों की पीड़ा को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक माननीय मुख्यमंत्री जी एवं वन विभाग अपर सचिव, लोक निर्माण सचिव एवं मंत्री मंडल उत्तराखंड को अब तक ज्ञापन सौपकर प्रत्यक्ष मामले से अवगत करा चुके हैं। भीमताल विधानसभा के सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने मुख्य सचिव उत्तराखंड से मांग करते हुए उत्तराखंड शासन-प्रशासन से लोगों के आवास एवं दुकानों को न हटाने, न तुड़वाने की मांग की है, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, अन्य विभाग एवं प्रशासन आदि द्वारा लोगों की दुकानों, मकानों को चिन्हित कर तोड़ने के नोटिस देने की बात कही जा रही है, जिससे लोग बेहद परेशान है और डरे एवं सहमे हुए है, क्या सीधे-साधे,भोले-भाले पहाड़ वासियों की जन भावनाओं के विपरीत ये कार्य होना सही है l राज्य सरकार एवं राज्य प्रशासन पहाड़ भीमताल विधानसभा के लोगों की मदद करे और वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, अन्य विभाग जिला प्रशासन आदि से कब्जे व नाप बेनाम भूमि बने आवासीय भवनों, दुकानों को न तोड़े जाने और न हटाने का निर्देश दें। पहाड़ के लोगों के हित में उनकी चयनित कब्जा भूमि में उन्हें पूर्व की भाँति रहने एवं रोजगार करने का पूर्ण अधिकार मिल सके, आशा है जनहित में शीघ्र कार्यवाहि कर लोगों को राहत एवं न्याय दिया जाएगा l

Gunjan Mehra