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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने एक कविता के माध्यम से नई ऊर्जा भरने का प्रयास किया। पीएम ने कविता सुनाते हुए कहा कि हम सभी को चुनौतियों को सीना तान कर स्वीकार करना चाहिए।पीएम मोदी ने लाल किले से कहा आज जब मैं अमृतकाल में आपसे बात कर रहा हूं, यह अमृतकाल का पहला वर्ष है। अमृतकाल के पहले वर्ष में मैं आपको पूरे विश्वास से कहना चाहता हूं…
चलता चलाता कालचक्र, अमृतकाल का भाल चक्र
सबके सपने, अपने सपने,
पनपे सपने सारे, वीर चले, चले युवा हमारे,
नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई,
चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम