फादर्स डे स्पेशल : जानिए उत्तराखंड एक ऐसे पिता के बारे में जिन्होंने बेटे के सपने पूरे करने के लिए छोड़ दी लाखों रुपये की सरकारी नौकरी

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आखिर दीपक भसीन अपने बच्चे को लेकर हर रोज ट्रेन से भयंदर से अंधेरी ले जाने लगे। ये सफर भी आसान नहीं था क्योंकि 5 बजे तक यज्ञ का स्कूल होता था और स्कूल से छूटकर वो उसे घर लाते जहां वो घर के अंदर भी नहीं आते थे जिससे समय की बर्बादी न हो और यज्ञ की मां स्कूल बैग लेकर दूसरा बैग पकड़ाती थी जिसमें यज्ञ के ऑडिशन का सामान होता था- जैसे एक-दो सेट कपड़े, मेकअप का थोड़ा बहुत सामान होता था। यज्ञ ने बताया कि उनके पिता कई सारी ट्रेन छोड़ देते थे जिससे उस ट्रेन में बैठे जहां थोड़ी जगह हो और उनके बेटे को दिक्कत न हो।

देश का नाम रोशन कर रहे हैं यज्ञ
दीपक भसीन ने बताया कि यज्ञ बहुत मेहनती है और वो कभी भी मुसीबत से नहीं घबराता है, स्कूल के बाद ऑडिशन पर जाना वहां लाइन में लगना हर तरह की मुसीबत का सामना उनका बच्चा करता था। पिता और बेटे की मेहनत रंग लाई क्योंकि 52 ऑडिशन के बाद आखिरकार यज्ञ का चयन एक टीवी सीरियल में एक छोटे से रोल के लिए हो गया। ‘मेरे साईं’ सीरियल से यज्ञ को ब्रेक मिला, वो दिन है और आज का दिन है यज्ञ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यज्ञ को स्टार प्लस का सीरियल ‘ये है चाहतें’ में सारांश का लीड रोल मिला। वहीं यज्ञ बहुत ही जल्द ‘बाल नरेन’ और ‘बिश्वा’ जैसी टाइटल रोल वाली फिल्मों में नजर आने वाले हैं। ‘बिश्वा’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना भी मिल चुकी है।

Gunjan Mehra