UCC के तहत अब एक माह के अंदर नहीं कराया पंजीकरण तो दस हजार का जुर्माना व तीन माह का होगा कारावास

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समान नागरिक संहिता के तहत अब लिव इन रिलेशनशिप में आने के एक महीने के अंदर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यदि एक महीने के अंदर पंजीकरण नही कराया तो कानून सजा देगा। इसके साथ ही दोनो साथियों में से कोई भी इस रिश्ते को खत्म कर सकता है लेकिन इसकी सूचना सब रजिस्ट्रार को देगी होगी। यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि सिर्फ एक वयस्क पुरुष व वयस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकतें हैं। वह पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप या प्रोहिबीटेड डीग्रिस ऑफ रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले हर व्यक्ति को लिव इन में रहने के लिए अनिवार्य पंजीकरण एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर कराना होगा। एक महीने के अंदर पंजीकरण नही कराया तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के दोषी ठहराए जाने पर तीन महीने का कारावास व 10 हजार का जुर्माना या दोनो भी हो सकतें हैं।

वही यदि पुरुष महिला को छोड़ देता है, तो महिला को अधिकार होगा की वह भरण पोषण की मांग करते हुए न्यायलय के समक्ष अपना पक्ष रख सकेगी। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद रजिस्ट्रार पंजीकरण की रसीद देगा। जिसके आधार पर वह किराए पर घर हॉस्टल या पीजी ले सकतें हैं। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता पिता या अभिवावक को देनी होगी। वही लिव इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा और उस बच्चे को जैविक संतान के सभी अधिकार प्राप्त होंगे

Gunjan Mehra