International yoga day : किस तरह हुई भारत में योग की शुरुआत, कौन थे योग के जनक , जानिए

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आज पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग शारीरिक , मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखता है। क्या आप जानते है इतिहास में योग शब्द का उल्लेख किस ग्रन्थ में किया गया था, भारत कैसे हुई थी इसकी शुरुआत। आइए हम आपको बताते हैं इन सबके बारे में।

बता दें कि इतिहास में योग शब्द की उल्लेख सबसे पहले पवित्र ग्रन्थ ऋग्वेद में हुआ था और योग विद्या में शिव को पहले गुरु के रूप में माना जाताहै। प्राचीन काल से ही लोग योग करते आ रहें है।
वही आपको बताते चलें कि भगवान भोलेनाथ के बाद ऋषि मुनियों से ही योग का शुभारंभ माना जाता है।जिसके बाद महावीर बुद्ध ने योग का विस्तार किया तो वही महर्षि पतंजलि ने इसको सुव्यवस्थित रूप दिया है।
योग को हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है। योग शब्द का अर्थ होता है जुड़ना, जिसको धातु युज से लिया गया है।
भारत मे योग की शुरुआत कई हजार वर्ष पूर्व हिमालय में कांतिसरोवर झील के तट पर, आदियोगी ने अपने गहन ज्ञान को पौराणिक सप्तऋषियों या “सात संतों” में डाला। संतों ने इस शक्तिशाली योगिक विज्ञान को एशिया, मध्य एशिया सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया। हालांकि, भारत में योग प्रणाली को अपनी पूर्ण अभिव्यक्ति मिली।
भारत मे योग की शुरुआत इस तरह हुई कि कई हजार साल पहले, हिमालय में कांतिसरोवर झील के तट पर आदियोगी ने अपने गहन ज्ञान को पौराणिक सप्तऋषियों या “सात संतों” में डाला संतों ने इस शक्तिशाली योगिक विज्ञान को एशिया, मध्य एशिया सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया। भारत में योग प्रणाली को अपनी पूर्ण अभिव्यक्ति मिली।

Gunjan Mehra