उत्तराखंड। 28 मार्च को हुए जी 20 सम्मेलन में 17 देशों के 58 डेलीगेट्स ने भाग लिया जिसके लिए उत्तराखंड शासन ने नैनीताल और ऊधम सिंह नगर को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिला प्रशासन ने 24 घंटे काम किया लेकिन रिनोवेशन के नाम पर घोटाला भी जमकर किया गया जिसकी परतें अब धीरे धीरे खुलने लगी है।
हेमंत गोनिया के द्वारा लगाई गयी आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार जी 20 मैनेजमेंट के लिए जिलाधिकारी नैनीताल के द्वारा रामनगर के ढिकुली में एक ही परिसर में स्थित इंटरमिडिएट कॉलेज और प्राइमरी स्कूल के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए 82.48 लाख का बजट दिया गया और विदेशी मेहमानों से लेकर सीएम धामी से आदर्श स्कूल में हुए सौंदर्यीकरण के लिए वाहवाही बटोरी गयी साथ ही यूट्यूब से लेकर मीडिया में खूब प्रचार और प्रसार भी किया गया ।
स्कूल में घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर आवाज़ इंडिया की टीम स्कूल पहुंची जहां कई टीचरों और स्थानियों ने रेनोवेशन के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार पर खुलकर आरोप लगाए।
रामनगर के ढिकुली का आदर्श स्कूल जो पहली नजर में तो आपको बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक नज़र आयेगा लेकिन इसके पीछे की कहानी जानकार आप सकते में आ जाएंगे क्योंकि आरोपों के अनुसार स्कूल के जर्जर भवन को डीएम नैनीताल ने ध्वस्त करने के आदेश दिये थे, लेकिन जी 20 की आड़ में ध्वस्तीकरण के आदेश निरस्त कर तत्कालीन डीएम साहब ने दूसरे ब्लॉक रामगढ़ की खंड शिक्षा अधिकारी के लिए ढिकुली स्कूल के सौंदर्यीकरण के नाम पर सरकारी ख़जाना खोल दिया ख़ास बात ये कि जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की कार्यप्रणाली से संबन्धित स्कूल के प्रिन्सिपल और प्रधानाध्यापिका के साथ खंड शिक्षा अधिकारी को भी दूर रखा गया । कुछ सरकारी स्कूलों की कायाकल्प करके फेमस हुई रामगढ़ की खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी ने भवन के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के नाम पर ऐसी लीपापोती की कि आज तक काम जारी है।
प्राइमरी की प्रधानाध्यापिका प्रभजोत वालिया ने खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी पर आरोप लगाते हुए मीडिया को दिखाया कि सरकारी स्कूलों में रूपान्तरण करने वाली खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी ने ढिकुली के प्राइमरी स्कूल में ऊपर बने कमरों के लिए सीडियाँ बनवाई लेकिन सीडियाँ ऊपर के कमरों में खुलती ही नहीं है।
इसी तरह प्रधानाध्यापिका ने बताया कि वाटर कूलर जो बच्चों के लिए लगवाए गए थे वो सफ़ेद हाथी साबित हो रहे है जिस पर पानी तो आता नहीं है बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन को रखवाली अलग से करनी पड़ रही है।
शौचालय का घटिया निर्माण दिखाते हुए प्रभजोत वालिया ने बताया कि मैडम गीतिका जोशी ने कमाल के दिमाग का प्रयोग किया और शौचालय के बाहर तो वॉशबेसिन लगाया ही लेकिन शौचालय के भवन के बाहर भी दो वॉश बेसिन लगवा दिये प्रधानाध्यापिका प्रभजोत वालिया का कहना है कि इससे अच्छा होता कि बाहर बर्तन धोने के लिए शिंक लगवा देते तो वेस्टेज से न तो नाली ही बंद होती और न ही सरकारी धन का दुरुपयोग होता।
इसी तरह स्कूल में जो टाइल्स लगाई गयी लेकिन टाइल्स लगाने में भी लापरवाही बरती गयी है कई जगह तो टाइल्स में मसाला ही नहीं लगाया गया है वरन टाइल्स बिछा दी गयी है और प्राइमरी में तो स्लीपिंग टाइल्स लगाई गयी है जिस पर बच्चे रोज फिसल कर चोटिल हो रहे है।
इंटर कॉलेज में ऐसे कई कमरे है जहां मरम्मत की बहुत जरूरत है लेकिन काम करने वालों और शाबाशी लेने वालों की नजरें वहाँ तक नहीं पहुँच पायी जिस कारण आज तक कमरे रिनोवेशन की राह तक रहे है । नए फर्नीचर लगाने के नाम पर पुराने फर्नीचर की मरम्मत कर दी गयी और स्कूल का पुराना फर्नीचर ही गायब कर दिया और हालात ये है कि कहीं कुर्सी टूट रही है तो कहीं टेबल उखड़ रहे है।
स्कूल की छत से पानी की निकासी के लिए बेहतरीन आर्किटेक्ट गीतिका जोशी ने नालियाँ और पतनाले बनवाए जो सिरों से ही बंद है जिस कारण छत का पूरा पानी प्राइमरी भवन के पीछे बंद नाली में जमा हो जाता है और पूरा भवन सीलन से भर जाता है।
स्कूल को खूबसूरत दिखने के चक्कर में प्रांगण में बिना फिक्स किए ग्रीन प्लास्टिक घास की मेट बिछाई जो कई जगह से उखड चुकी है इसी तरह छत पर निर्माण न करना पड़े इसलिए फाल्स सीलिंग लगवाई जो अब गिरने लगी है । स्कूल में पानी की निकासी के लिए ऐसा एडवांस आर्किटेचर कर डाला कि चारों तरफ से सारा पानी प्ले ग्राउन्ड में इकट्ठा होता है और कई जगह तो बच्चों की क्लास में ही आ जाता है । प्रभजोत वालिया ने आगे बताया कि रिनोवेशन के दौरान स्कूल का लाखों का फर्नीचर गायब कर दिया बिजली के मीटर से लेकर डिश एंटीना तक स्कूल से गायब है जिसका कोई भी लेखा जोखा गीतिका जोशी ने नहीं दिया इसी तरह का आरोप इंटर कॉलेज के प्रवक्ता भी गीतिका जोशी पर लगा रहे है प्रवक्ताओं के अनुसार क्लब महिंद्रा से कुछ वर्ष पहले उन्हे काफी मात्र में फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया था जिसे कुछ हद तक मरम्मत कर वापस स्कूल में रखा गया है और बाकी का गायब कर दिया गया है या फिर नीलाम कर पैसे की बंदरबाट कर दी गयी है।
स्थानीय समाजसेवी अशोक खुल्बे ने गीतिका जोशी पर सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार करने के आरोप भी लगाए है उनका कहना है कि 82.5 लाख रुपए के बजट के अनुसार कार्य नहीं किया गया है साथ ही उन्होने बताया कि लगतार वो स्कूल में कभी पानी का कनेक्शन ठीक करवाते तो कभी नालियाँ ! और खास बात ये है कि तीन माह बीतने के बाद भी गाहे बगाहे काम करवाया जाता है और काम करने वाली टीम आरटीओ कार्यालय हल्द्वानी से भेजी जाती है । उन्होने आगे कहा कि स्कूल का ध्वस्तिकरण का आदेश हो चुका था लेकिन गीतिका जोशी के द्वारा डीएम नैनीताल से आदेश निरस्त करवाकर फंड जारी करवाया गया उनका कहना है कि किसी भी दृष्टि से या पूरा निर्माण 40 लाख रुपए से ज्यादे का नहीं है जबकि इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी को 82.5 लाख का फंड जारी किया गया था । अगर उन्हे ये काम दे दिया जाता तो वो बिना किसी कमी के अच्छा काम 50 लाख तक में कर कर दे देते।
इस मामले में जब रामगढ़ की खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी से बात की गयी तो उन्होने बताया कि बहुत कम समय मिला था जिसमें काम करके देना था इसलिए कुछ कमियाँ रह सकती है जिन्हें हम दुरुस्त करवा रहे है साथ में उन्होने ये भी कहा कि बजट 82.5 लाख का ही था लेकिन इससे कहीं ज्यादा उन्होने खर्च कर दिया है । जब उनसे वाटर कूलर को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होने कहा कि वाटर कूलर में पहले कनेक्शन थे हो सकता है जंगल से लाइन बंद हो गयी इसी तरह सीडियों के सवाल को वो टाल गयी, बर्तन धोने के लिए शिंक के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि शिंक बनवाया गया है और बाहर वॉश बेसिन हाथ धोने के लिए लगवाए गए है क्योंकि बच्चों को शौचालय न जाना पड़े इसलिए बाहर लगवाए है।
जबकि सच्चाई ये है कि शौचालय भवन में वॉश बेसिन लगा हुआ है साथ ही कोई मौके पर कोई शिंक नहीं मिला जहां बच्चे बर्तन साफ कर सके हाँ एक जगह पानी का नल लगा हुआ है जहां बर्तन साफ करने की वजह से नाली बंद पड़ चुकी है । बहरहाल खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी के द्वारा मीडिया को दिये गए जवाब उनके द्वारा की गयी अनियमितताओं को और पुख्ता कर रहे थे।
स्कूल में आज जो हालात है उन्हें देखकर लगता है कि केवल सीएम धामी को प्रभावित करने के लिए बाहर से चमक धमक कर दी गयी जो कुछ ही दिनों में फीकी पड़ गयी है । तत्कालीन डीएम नैनीताल के द्वारा रामगढ़ की खंड शिक्षा अधिकारी के कहने पर स्कूल के ध्वस्तिकरण आदेश को निरस्त करना रामनगर के खंड शिक्षा अधिकारी को दरकिनार कर रामगढ़ की खंड शिक्षा अधिकारी को फंड जारी कर देना भी जांच का विषय है । और साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी के द्वारा स्कूल की रिनोवेशन की बैठक में प्रधानाध्यापिका को शामिल न करना मन मुताबिक स्कूल के आर्किटेचर को बदल देना, स्कूल का पुराना समान बिना किसी कागजी कार्यवाही के गायब कर देना , घटिया निर्माण और बेमतलब सामानों से सरकारी पैसे की बरबादी करना कहीं न कहीं बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है अब देखना ये ख़ास होगा कि जिस शोशेबाजी को देखकर खुद सीएम खंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी और तत्कालीन डीएम नैनीताल की पीठ थपथपा चुके है क्या उन पर कोई जांच होती है या फिर ये मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।