पेपर लीक के जिन आरोपियों को पुलिस ने चिन्हित कर आयोग को भेजा है, वह आयोग को नोटिस का नही दे रहा जवाब, नौ अप्रैल को होनी है फॉरेस्ट भर्ती परीक्षा

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पटवारी-लेखपाल और उत्तराखंड जेई भर्ती में पेपर लीक के जिन आरोपियों को पुलिस ने चिन्हित कर राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा है, वह आयोग को नोटिस का जवाब नहीं दे रहे हैं। अभी तक कुछ के जवाब ही मिले हैं। इससे आयोग अभी तक उन्हें प्रतिबंधित नहीं कर पाया।

इसी बीच नौ अप्रैल को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा होने जा रही है। राज्य लोक सेवा आयोग की पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद नौ फरवरी को पुलिस ने एक सूची आयोग को भेजी। इसमें पटवारी लेखपाल भर्ती के 44 और जेई भर्ती के 12 ऐसे अभ्यर्थी थे, जो पेपर लीक के पुष्ट आरोपी थे।

इस सूची को आयोग ने 10 फरवरी को अपनी वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि द उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस) रूल्स-2013 के बिंदु 23-ए के उप बिंदु 14 के तहत इन सभी को परीक्षाओं से पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नोटिस की मियाद एक माह की पूरी हो चुकी
इसके बाद आयोग को पुलिस से जेई भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल पाए गए 49 अभ्यर्थियों की सूची मिली, जिसे आयोग ने दो मार्च को वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि सभी को कारण बताओ नोटिस भेजकर परीक्षाओं से डिबार करने की प्रक्रिया चल रही है।

पहले नोटिस को दो माह होने को हैं, जबकि दूसरी सूची के हिसाब से नोटिस की मियाद एक माह की पूरी हो चुकी है। बावजूद इसके पेपर लीक के आरोपी जवाब देने को तैयार नहीं हैं। इनमें से कुछ ने जवाब दिया है। इससे आयोग ने इन्हें अभी तक डिबार नहीं किया है।

आयोग देख रहा, नोटिस पहुंचा या नहीं
आयोग के सचिव जीएस रावत का कहना है कि अभ्यर्थियों को ई-मेल, डाक आदि माध्यमों से नोटिस भेजा गया है। अब यह सुनिश्चित किया जा रहा कि उन सभी के पास नोटिस पहुंचा हो। इसके बाद आयोग की बोर्ड बैठक में इन पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

जब तक डिबार नहीं, तब तक दे सकते परीक्षाएं

गिरधारी सिंह रावत, सचिव, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने बताया कि आयोग के नियमों के हिसाब से जब तक ये 105 अभ्यर्थी आयोग की परीक्षाओं से डिबार नहीं किए जाते, तब तक वह आयोग की परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। नौ अप्रैल को फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा होने जा रही है, जिसमें इनके भी शामिल होने के आसार हैं।

हमने नोटिस भेजे हैं। कुछ ने जवाब भेजे हैं। बाकी के जवाब का इंतजार है। इसके बाद आयोग में मामला रखा जाएगा। उसी हिसाब से परीक्षाओं से डिबार करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

Gunjan Mehra