उत्तराखंड- पंचायत मंत्री सतपाल महाराज का ऐतिहासिक फैसला , जिला पंचायत अध्यक्षों को दिए यह बड़े अधिकार

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रामनगर/हल्द्वानी । पंचायतों को मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पंचायतों के नवनिर्माण संकलपोत्सव की अवधारणा हेतु पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में आनंद कॉटेज एंड अमोड रिसोर्ट एंड स्पा, ढिकुली, रामनगर में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए सतपाल महाराज ने उपस्थित 13 जनपदों के जिला पंचायत अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को सुदृढ़ कर ही सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सतत विकास लक्ष्य की 09 थीम के स्थानीयकरण पर अत्यंत जोर दिया जा रहा है। जिसमें गरीबी मुक्त एवं आजीविका युक्त गांव, स्वच्छ और हरित गांव, पर्याप्त जल गांव, स्वस्थ गांव, बाल हितेषी गांव, आधारभूत संरचनाओं में आत्मनिर्भर गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, विकासोन्मुख गांव की स्थापना हेतु प्रयास किया जा रहा है।

सतपाल महाराज ने घोषणा करते हुए कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष को मुख्य विकास अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि को अंकित कर प्रतिवेदक अधिकारी को प्रेषित करने, अपर मुख्य अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्ट का अंकन करने, जिला अनुश्रवण समिति/पेयजल/साक्षरता/रेड क्रोस सोसाइटी में जिला पंचायत अध्यक्ष को अध्यक्ष नामित किया जाएगा।

मंत्री ने पंचायतों को सशक्त करने हेतु पंचायतों को स्थानीय स्वशासन के रूप में स्थापित करने, आय स्त्रोतों में वृद्धि करना, पंचायतो हेतु नियमावली प्रख्यापित करना, तीनों पंचायतों के कार्यों एवम दायित्वों के लिए पृथक-पृथक अनुसूची तैयार करना, पंचायतों की समितियों को सक्रिय करने का सुझाव दिया। विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने रामनगर में कार्यशाला के आयोजन पर मंत्री व पंचायती राज विभाग का धन्यवाद ज्ञापित किया।

Gunjan Mehra