मिसाल ! यह है उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर , महिलाओं के लिए बनी प्रेणास्त्रोत , पति हुए बीमार तो खुद थामा स्टीयरिंग

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औरत मोहताज नही किसी गुलाब की, वो खुद बागबान है इस कायनात की।।

यदि महिलाएं चाहे तो कुछ भी कर सकती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया अल्मोड़ा ज़िलें के ताड़ीखेत निवासी रेखा पांडे ने जी हां , रेखा पांडे उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर है और उन्होंने पूरे परिवार की जिम्मेदरी अकेले ही सम्भाल रखी है। रेखा ने न सिर्फ घर की स्टेयरिंग सम्भाल रखा है, बल्कि कार की स्टेयरिंग को भी बखूबी संभाल रखा है। जो उत्तराखंड की अन्य महिलाओ के लिए प्रेणास्त्रोत बन गई है। उनके इस कार्य पर परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने उन्हें फोन कर बधाई है।

रेखा पांडे ने बताया कि वह रानीखेत से हल्द्वानी टैक्सी चलाने का काम एक महीने से कर रही है। बताया कि पति की तबीयत खराब होने के बाद उन्होंने टैक्सी का काम खुद ही संभाल लिया। उन्होंने बताया कि सुबह 8 बजे से रानीखेत और दिन में हल्द्वानी की सड़कों पर कभी कड़ाके की ठंड में कभी भीषण गर्मी में तो कभी मूसलाधार बारिश में सवारी ढूढना काफी मुश्किल है। वही बीमार पति की सेवा करना घर के काम करने के बावजूद भी रेखा मुस्कुरा लेती है। रेखा ने कहा कि महिलाओ को अब सिर्फ चूल्हे चौके तक ही सीमित नही रहना है बल्कि इन सबसे बाहर निकलकर आत्मनिर्भर बनाना है। कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता बस करने की लगन होनी चाहिए।

बता दें कि रेखा ने डबल MA करने के साथ ही LOW की है और अब वह NET की भी तैयारी कर रही हैं। उनके पति मुकेश चन्द्र पांडे आर्मी रिटायर्ड है।

Gunjan Mehra