भारत में कहां से आई ब्लातकार जैसी प्रथा , कौन लेकर आया , जानिए

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यूं तो हमारे देश भारत में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है लेकिन देश में उन्‍हीं देवी समान महिलाओं के साथ बलात्‍कार जैसी घिनौनी घटनाएं लगातार सामने आते रहती है। लेकिन क्या आप जानते है की भारत जैसे संस्‍कारी देश में बलात्‍कार जैसी प्रथा कहां से आई या इसे कौन लेकर आया ?इंडिया में बलात्कार कैसे आया ?

आइए हम आपको बताते है की इंडिया में बलात्कार कहां से आया होगा।
220 से 175 ईसापूर्व में यूनान के शासक डेमेट्रियस प्रथम ने भारत पर आक्रमण किया। उसके समयकाल में भी बलात्‍कार का जिक्र नहीं मिलता है।
इसके बाद यूक्रेटीदस ने भारत परराज किया और तक्षशिला को अपनी राजधानी बनाया। यहां भी बलात्‍कार का कोई जिक्र नहीं है।
मीनेंडर ने सिंधु के पास पंजाब और स्‍वात घाटी से लेकर मथुरा तक राज किया लेकिन उसके शासनकाल में भी कभी कोई बलात्‍कार नहीं हुआ।
सिकंदर के भारत पर आक्रमण करने पर लाखों सैनिक मारे गए लेकिन यूनानियों की सेनाओं ने किसी भी भारतीय महिला पर बुरी नज़र नहीं डाली।इसके बाद शकों ने भारत पर आक्रमण किया। 130 ईस्‍वी से 188 ईस्‍वी तक उन्‍होंने शासन किया लेकिन इनके राज्‍य में भी बलात्‍कार का कोई उल्‍लेख नहीं है।
तिब्‍बत के सुइशि कबीले की लड़ाकू प्रजाति कुषाणों ने भी भारत के कुछ हिस्‍सों पर शासन किया लेकिन इनके इतिहास में भी स्त्रियों के साथ बलात्‍कार की कोई घटना नहीं है।
इसके बाद भारत पर हूणों ने आक्रमण किया और यहां पर राज किया। ये क्रूर तो थे परंतु बलात्‍कारी होने का कलंक इन पर भी नहीं लगा।
अब बात करते हैं मध्‍यकालीन भारत की जहां से इस्‍लामिक आक्रमण शुरु हुआ और यहीं से भारत में बलात्‍कार का प्रचलन शुरु हुआ।
सन् 711 ईस्‍वी में मुहम्‍मद बिन कासिम ने सिंध पर हमला करके राजा दाहिर को हराने के बाद उसकी दोनों बेटियों को यौन दासियों के रूप में खलीफा को तोहफा भेज दिया।
तब शायद भारत की स्त्रियों पर पहली बार बलात्‍कार जैसे कुकर्म से सामना हुआ था जिसमें हारे हुए राजा की बेटियों और साधारण भारतीय स्‍त्रियों का जीती हुई आक्रांता सेना द्वारा बुरी तरह से बलात्‍कार और अपहरण किया गया था।
इसके बाद 1001 में गजनवी ने सोमनाथ मंदिर को तोड़ने के बाद उसकी सेना ने हज़ारों औरतों का बलात्‍कार किया।बस यहीं से शुरु हुआ भारत में बलात्‍कार का प्रचलन। महिलाओं पर अत्‍याचार और बलात्‍कार का इतना घिनौना स्‍वरूप तो 17वीं शताब्‍दी के प्रारंभ से लेकर 1947 तक अंग्रेजों की ईस्‍ट इंडिया कंपनी के शासनकाल में भी नहीं दिखा। अंग्रेजों ने भी भारत को बहुत लूटा लेकिन कभी उनकी गिनती बलात्‍कारियों में नहीं हुई।

इतिहासकारों की मानें तो भारत में स्‍त्रियों पर अत्‍याचार और बलात्‍कार की घटना ईस्‍लामिक आक्रमण और शासनकाल के बाद हुई। आज भारत में महिलाओं की दशा बहुत खराब है और इसका कारण इस्‍लाम के शासक हैं।

Gunjan Mehra