21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में हेली सेवाओ का करेंगे शिलान्यास

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केदारनाथ रोपवे बनने के बाद राज्य में हेली सेवाएं सीमित हो जाएंगी। हिमालय की सबसे खतरनाक घाटियों में से एक केदारनाथ के लिए हेली टैक्सी यात्रा बेहद जोखिम भरी मानी जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कि रोपवे या केबिल कार का विकल्प खुल जाने के बाद केदारनाथ की हेली सेवा सीमित हो जाएगी।

गौरतलब है कि 21 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ और बदरीनाथ धाम आ रहे हैं। इस दौरान वे राज्य के दो महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। इनमें से एक केदारनाथ केबिल कार का शिलान्यास शामिल है।
केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद राज्य की हेली सेवा सुरक्षा के लिहाज से सवालों के घेरे में है। जो कि चर्चा का विषय है। केदारनाथ के लिए अंधाधुंध हेली टैक्सियों का संचालन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से कितनी उचित है? पहली नजर में सरकार के नीति नियंताओं के हिसाब से रोपवे या केबिल कार हेली टैक्सी की तुलना बहुत अधिक सुरक्षित और किफायती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में हेली सेवाओं का संचालन हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। उनके मुताबिक, सरकार इन चुनौतियों को सामने रखकर इस तरह से काम करेगी, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

Gunjan Mehra