उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग(UKSSSC) पेपर लीक से लेकर विधानसभा बैकडोर भर्ती पर उत्तराखंड में बीजेपी सरकार द्वारा लगातार सख्ती बरती जा रही है। वही भर्ती घोटाले को।लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी एक्शन मोड पर नजर आ रहें है और उन्होंने आयोग की पांच भर्तियों को निरस्त कर दिया।
भाजपा हाईकमान भी भर्ती घोटाले पर पैनी नजर रखें है और लगातार उत्तराखंड सरकार के सम्पर्क है साथ ही इसके अपडेट्स लिए जा रहे हैं। घोटाले पर नाम सामने आने पर हाईकमान ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को दिल्ली भी तलब किया था, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भी पार्टी के आला नेताओं के सामने अपना पक्ष रख चुकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ विधायकों ने सीएम धामी कैबिनेट में जगह बनाने के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। कैबिनेट मंत्रियों पर फैसला भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्णय का आधार पर ही लेगा। पेपर लीक मामले में जहां एसटीएफ जांच कर रही है तो दूसरी ओर, विधानसभा में बैकडोर भर्ती का मामला सामने आने पर स्पीकर ऋतु खंडूरी ने भी जांच बैठा दी है।
वही राजनीतिक सूत्रों के अनुसार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और चंदन राम दास पर भाजपा हाईकमान द्वारा कुछ सख्त फैसले लेने की संभावना जताई जा रही है। अग्रवाल का नाम बैकडोर भर्ती मामले से जुड़ने के बाद बीजेपी भी बैकफुट पर आ गई है। जबकि, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का भी स्वास्थ्य कारणों से कुछ खास परफॉरमेंस नहीं दिख रहा है।
2016 में विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने 159 लोगों को नौकरी पर रखा था। हैरान करने वाली बात तो यह है कि कुंजवाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर से बैकडोर भर्ती के जरिए कई लोगों को नौकरी दी थी।
बैकडोर भर्ती मामले में भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर रहते आचार संहिता से ठीक पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। लेकिन वित्त विभाग ने इसपर अड़ंगा लगा दिया था। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री का भी दायित्व मिलते ही सबसे पहले उन्होंने उक्त फाइल को मंजूरी दी थीं। अग्रवाल के लिए अब ये भर्तियां गले की फांस बन चुकी हैं।