मोली: जोशीमठ भू-धंसाव के कारणों की जांच (Investigation of causes of Joshimath landslide) हो रही है. इसके लिए प्रदेश के साथ ही देश के कई जाने माने वैज्ञानिकों की टीमें जोशीमठ में जांचें कर रही हैं. वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ और उसके आसपास के इलाकों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने में लगे हैं. इसी कड़ी में नेशनल जियोफिजिकल इंस्टिट्यूट हैदराबाद (Hyderabad National Geophysical Institute) की टीम भी जोशीमठ पहुंची है. हैदराबाद से आई इस टीम ने जोशीमठ की जमीनों की धारण क्षमता नापने का काम शुरू कर दिया है.नेशनल जियोफिजिकल इंस्टिट्यूट की टीम जोशीमठ के अलग अलग क्षेत्रों का दौरा कर रही है. जिसमें जमीनों की क्षमता को नापने का काम किया जा रहा है. नेशनल जियोफिजिकल इंस्टिट्यूट जोशीमठ में जमीनों में हो रहे धंसाव पर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. जिसके बाद सरकार की ओर से आगे इस पर कार्यवाही की जाएगी.
इसके साथ ही जोशीमठ पहुंची टीम ने रोपवे के पास आ रही दरारों का निरक्षण किया. साथ ही शंकराचार्य मठ में आ रही दरारों एवं आसपास के घरों में दो दिनों के भीतर आई दरारों का भी निरीक्षण किया. जिसमें पता चला है कि जोशीमठ में दरारों में लगभग 1 मिमी की मामूली वृद्धि हुई है, जिसकी निगरानी की जा रही है. साथ ही दरारों से पैटर्न को भी देखा जा रहा है.
जोशीमठ में आपदा के बाद राज्य सरकार अपनी तरफ से करोड़ों रुपए जोशीमठ पीड़ितों के लिए जारी कर रही है. चाहे वो राहत और बचाव कार्य हो या फिर पीड़ितों को सुरक्षित दूसरे स्थान पर पहुंचाना. इतना ही नहीं जोशीमठ आपदा के लिए राज्य सरकार एक पूरा ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है, ताकि केंद्र सरकार के आगे उसको रखा जा सके और जोशीमठ के लिए एक राहत पैकेज मांगा जा सके. उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार जोशीमठ की त्रासदी को देखते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार को राहत पैकेज जारी कर सकती है.