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यूकेएसएससी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तर की परीक्षा में नकल मे ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। उत्तरकाशी के ये लोग गांव और क्षेत्र की राजनीति छोड़कर नकल कर अफसर बनने चले थे, पर सूची फाइनल होने से पहले ही पेपर लीक का मामला सामने आ गया और इनका सपना धारा का धरा ही रह गया।
पेपर लीक मामले की जांच में अब तक उत्तरकाशी का क्षेत्र विशेष सबसे ज्यादा चर्चा में आया है। इस क्षेत्र के एक-दो नहीं बल्कि 80 से ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए हैं। इनमें कुछ ग्राम प्रधान हैं तो कई क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य। बताया जाता है कि अधिकतर नकल कर ही इस परीक्षा में पास हुए हैं। कहा जा रहा है कि पेपर इसी क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि ने उन्हें मुहैया कराया था।
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार, आरोपी कई अभ्यर्थियों को लेकर देहरादून आया था। यहां उसने लीक करने वालों से पेपर खरीदा और हल कर इन अभ्यर्थियों को बेचा था। सभी यहां होटलों में ठहरे थे। हालांकि, एसटीएफ को इनके बारे में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं। बस पकड़े गए आरोपियों ने इनके नाम लिए हैं। इस मामले में एसटीएफ की एक टीम गढ़वाल में, दूसरी हरिद्वार और तीसरी कुमाऊं क्षेत्र में साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है।