अग्निपथ योजना के तहत अब सेना में भर्ती होना हुआ आसान , सेना ने जारी की नई नीति

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भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करना कई युवाओं का सपना होता हैं। हर वर्ष सेना में भर्ती निकलती थी और भारी संख्या में युवा भर्ती में प्रतिभाग करते थे और हजारों की संख्या में युवाओं को भर्ती किया जाता था। लेकिन कोविड के बाद से इसमें रोक लग गई। जिसके बाद से नई सेना भर्ती अग्निपथ आई। जिसको लेकर जमकर विवाद भी हुआ और युवाओं ने इसका विरोध भी किया। अब इसी अग्निपथ योजना के ही तहत तीनो सेनाओं में जवानों को भर्ती किया जा रहा है।

इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों के लिए कुछ क्राइटेरिया किए गए थे। जो कि कठिन बताए जा रहें हैं। अब सेना ने इन्हें कुछ सरल कर किया है।

मिली जानकारी के अनुसार, अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले अग्निविर के लिए क्राइटेरिया को पहले के मुकाबले कम किया गया है। अब यह क्राइटेरिया एक जैसा कर दिया है । सेना ने इस मामले में नई नीति जारी कर दी है। अग्नीवीर का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर अपनी अपनी यूनिट्स में आ गया है।

हालांकि नई नीति जारी होने से पहले ही अग्निवीर का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर अपनी-अपनी यूनिट्स में आ गया है। इन सब के पहले साल की योग्यता का आकलन पुरानी पॉलिसी यानी टफ क्राइटेरिया के हिसाब से ही किया गया है। अग्निवीर का आकलन पहले साल ट्रेनिंग सेंटर में और फिर तीन साल यूनिट में होना है। रेगुलर सैनिक के लिए 5000 फीट की ऊंचाई तक में 5 किलोमीटर की दौड़ 25 से 28 मिनट में पूरा करना होता है। वहीं अग्निवीर यह दौड़ 23 मिनट में पूरी करने पर सुपर एक्सिलेंट की श्रेणी में आते हैं। वहीं, रेगुलर सैनिक अगर 25 मिनट या उससे कम समय में भी दौड़ पूरी करते हैं तो वे एक्सिलेंट ही होंगे। यहां 23 मिनट में दौड़ पूरी करने की कोई श्रेणी ही नहीं है।

Gunjan Mehra